मंगलवार, 24 अगस्त 2021

आयकर रिटर्न भरते समय जरूर बताएं बच्चों की आमदनी




आयकर रिटर्न भरते समय कई ऐसे प्रावधान व नियम होते हैं, जिनकी जानकारी करदाताओं को नहीं होती है। सीए या पेशेवर भी वही जानकारी रिटर्न में शामिल करते हैं जो आप उन्हें बताते हैं। ब्याज, नाबालिक बच्चों की आमदनी जैसी कई जानकारियां ने तो हम साझा करते हैं और न ही रिटर्न में भरी जाती हैं। ऐसे ही कुछ प्रावधानों की जानकारी:-

बचत : एक बच्चे के लिए 1,500 तक छूट :-

निवेश एवं कर सलाहकार बलवंत जैन बताते हैं कि आयकर कानून के तहत प्रत्येक नाबालिक बच्चे की सालाना 1,500 रुपये तक की आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर होती है। इससे ज्यादा की आय को अभिभावक की आमदनी में जोड़ दिया जाता है और उस पर टैक्स स्लैब के हिसाब से देनदारी बनती है।

30 सितंबर है आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि :-

बच्चों की यह आमदनी उन्हें उपहार में मिली राशि के निवेश से भी आ सकती है। अधिकतर करदाता इससे अनजान होते हैं और रिटर्न भरते समय इस आमदनी का खुलासा अपने आइटीआर फॉर्म में नहीं करते। इस तरह वे अनजाने में ही टैक्स कानून का उल्लंघन कर जाते हैं जिसके लिए कई बार उन्हें नोटिस का सामना भी करना पड़ जाता है। 

म्यूच्युअल फंड : दूसरी योजना में शिफ्ट करने पर :-

यह तो सब जानते हैं कि म्युचूअल फंड से होने वाले मुनाफे पर पूंजीगत लाभ कर लगता है। लेकिन आप म्युचूअल फंड को उसी फंड हाउस की दूसरी योजना में शिफ्ट करते हैं तो टैक्स से जुड़ी लाभ या हानि की गणना होती है। इसका विवरण भी आईटीआर में देना पड़ता है।

दरअसल ऐसे फंड ट्रांसफर की जानकारी बैंक स्टेटमेंट में नहीं होती आपका सीए या कर सलाहकार भी इस जानकारी को फॉर्म में शामिल नहीं करेगा क्योंकि वह बैंक स्टेटमेंट के हिसाब से रिटर्न भरता है।

ऐसे में जरूरी है कि अपने सीए को फंड ट्रांसफर की जानकारी मुहैया कराएं। याद रखें कि म्यूचुअल फंड में किसी भी तरह के ट्रांसफर पर लाभ या हानि की गणना होती है जो आपके आइटीआर में भरी होनी चाहिए।

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